

इतिहास के झरोखे से
यह अत्यन्त गौरवपूर्ण है कि 1920 ईस्वी में सुविख्यात समाजसेवी एवं अग्रणी उद्योगपति स्वनामधन्य घनश्यामदासजी बिड़ला ने घनिष्ठ सहयोगियों - पंडित छोटूलाल जी मिश्र, गंगा प्रसाद जी भोतिका, भगीरथ जी कानोडिया, नागरमल जी केडिया आदि के साथ कोलकाता महानगर के बड़ाबाजार क्षेत्र में हिंदी भाषी समाज में नारी शिक्षा की अलख जागने हेतु ``मारवाड़ी बालिका विद्यालय`` रूपी जिस नन्हें पौधे का वपन केवल दो छात्राओं के साथ किया था, आज वह शताब्दी की परम्परा से परिपुष्ट हो कर विशाल वटवृक्ष बनकर हजारों छात्राओं को ज्ञान की ज्योति से आलोकित कर रहा है।
इस सुदीर्घ काल यात्रा में अनेक वरेण्य महानुभावों ने तन-मन-धन से विद्यालय के बहुमुखी विकास में महत्वपूर्ण योगदान किया। इनमें सर्वाधिक स्मरणीय हैं ``पद्मश्री`` सीताराम जी सेकसरिया। सेकसरिया जी स्वयं घर-घर जाकर बालिकाओं को विद्यालय लेकर आते थे एवं छुट्टी हो जाने पर स्वयं उनके घर तक छोड़ने जाते थे। कालांतर में सेकसरिया जी के अथक परिश्रम से बालिकाओं को शिक्षित करने का अखंड दीपक ज्योतित हो गया।
कालान्तर में 1954 में स्थानाभाव को दूर करने के लिए सेकसरिया जी ने ``मारवाड़ी बालिका विद्यालय ट्रस्ट`` के अंतर्गत थियेटर रोड में ````श्री शिक्षायतन```` की स्थापना की। वर्तमान में यह ट्रस्ट ``शिक्षायतन फाउंडेशन```` के रूप में अपने चारों प्रकल्पों (1) मारवाड़ी बालिका विद्यालय, (2) शिक्षायतन स्कूल, (3) शिक्षायतन कॉलेज एवं (4) कलकत्ता बिजनेस स्कूल के माध्यम से शिक्षा के प्रचार-प्रसार में उत्कृष्ट योगदान कर रहा है।
सीताराम जी के उपरांत क्रमशः जगन्नाथ जी बेरीवाल, श्रीमती सुशीला सिंघी, अभिमन्यु जी भुवालका एवं 1996 ईस्वी से मैं (सुधा जैन) ने मारवाड़ी बालिका विद्यालय के सुचारू संचालन के गुरूतर दायित्व का यथाशक्ति निर्वाह किया।
1974 ईस्वी में ``नर्सरी`` एवं 2000 ईस्वी में ``उच्चतर माध्यमिक विभाग`` का प्रारम्भ हुआ।
स्थानाभाव की विषम समस्या के निराकरण हेतु 2016-2017 ईस्वी में विद्यालय प्रांगण में ही एक तीन मंजिले भवन का निर्माण हुआ।
हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास भी है कि ``शिक्षायतन फाउंडेशन`` के माननीय अध्यक्ष सुदर्शन कुमार जी बिड़ला के प्रेरणास्पद मार्गदर्शन में हम निरंतर प्रगति पथ पर अग्रसर होते रहेंगे। कवि के शब्दों में...
``अभी मत रोक अपने पाँव पंथी
आज तेरी जीत का त्योहार है- मंजिल नहीं है।``
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श्रीमतरी सुधा जैन
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मTनद् सकचव
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मारवाड़ी बालिका विद्यालय
``संकल्प की साधना``
बड़ा बाजार अंचल में स्थित मारवाड़ी बालिका विद्यालय विपुल संभावनाओं को परिपूर्ण करने वाला संस्थान रहा है। विद्यालय का इतिहास इस बात का साक्षी है कि प्रतिकूलता के बीच भी सफलता हासिल की जा सकती है, बशर्ते लक्ष्य की लालसा अदम्य हो। ब्रिटिश शासन काल में १४ सितंबर, सन् १९२० में स्वानामधन्य घनश्याम दास बिड़ला जी एवं उनके सहयोगियों द्वारा जब इस विद्यालय की स्थापना की गई तब स्त्री-शिक्षा की कल्पना मात्र ही की जा सकती थी ऐसे समय में भी बालिका विद्यालय के सपने को जीने वाले प्रणेता को कोटिशः नमन !
मुझे वर्ष 1996 से इस विद्यालय की सेवा का अवसर प्राप्त हुआ। तब से अब तक विद्यालय के प्रति अहर्निश समर्पित हूं। वर्ष 2020 में शताब्दी महोत्सव के समापन समारोह को भव्य रूप में मनाने की विशेष कामना थी किन्तु महामारी के इस दौर ने चुनौतियों को भी नया आयाम दिया। स्थापना दिवस (Foundation Day) उसी हर्षोल्लास के साथ इस वर्ष (2020) आभासी माध्यम (virtual platform) से सपन्न किया गया।
समस्त चुनौतियों को पार करते हुए भी, विद्यालय परिवार अपने संकल्पों के साथ विद्यालय की प्रगति के प्रति प्रतिबद्ध है:
शिक्षा- सेवा, समर्पण संकल्प,
नारी सशक्तिकरण एकमेव विकल्प।
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श्रीमती विभा सिंह
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प्रधान शिक्षिका
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मारवाड़ी बालिका विद्यालय

